मुखड़ा :
जबरे पिया
फेंके हो ऐसा जाल
अबके-अबके
के जाए नहीं बचके
मन बावरा
सरकारी बस की चढ़ा
छत पे छत पे
के खाए कैसे धचके
भरी दोपहरी
लगी कचहरी
अब married-वैरीड हो!
रस्सी तुम्हारी
और खूँटी तुम्हारी
अब married-वैरीड हो!
जबरे पिया
फेंके हो ऐसा जाल
अबके-अबके-अबके…
लाख टके का सावन
दो कौड़ी का ताना-बाना
जब चुग ना सकते खेत
तो काहे को डाले दाना
ओ जबरे पिया
बेख़बरे पिया
कुर्सी की पेटी बाँध लो
बेसबरे पिया
अंतरा :
हंस लो
ओ हो - हो हो हो हो
हंस लो
ओ हो - हो हो हो हो
दो दिन की है
जी दो दिन की है
ये दो चार दिन की हंसी
बचना
बचना
अब मुश्किल है
जी बड़ी मुश्किल है
ये जान जंजाल में फंसी
बाल की खाल भी निकाल दोगे
तो साल दो साल में सवाल होंगे
हो ... फिररररर
पूछो खुद ही से,
और कहो खुद ही को
अब married-वैरीड हो!
खुद ही सिखाओ
और खुद ही से सीखो
अब married-वैरीड हो!
जबरे पिया
फेंके हो ऐसा जाल
अबके…
कोड़ा:
ख़र्चा अठन्नी
कमाओ चवन्नी
अब married-वैरीड हो
वेतन भी लाओ,
और बेलन भी खाओ
अब married-वैरीड हो
घर को सम्हालो,
और बच्चे भी पालो
क्योंकि married-वैरीड हो
बस आज हो दूल्हा
और कल से है चूल्हा
अब married-वैरीड हो
यारों को Tata
और शामें सन्नाट्टा
अब married -वैरीड हो
जबरे पिया
फेंके हो ऐसा जाल
अबके…
©mayurpuri