दिल दुखाने का
हक़ तुमको ही…
तुमको ही, तुमको ही…
सौ दफ़ा तड़पाने का
हक़ तुमको ही…
तुमको ही, तुमको ही…
रूठ ले मुझसे तू
रूठ ना खुदसे तू
सोयी तक़दीरें
सोयी-सी उम्मीदें
फिर से जगाने का हक़ तुमको ही
भूल जाने का
हक़ तुमको ही…
तुमको ही, तुमको ही…
दिल दुखाने का
हक़ तुमको ही…
तुमको ही, तुमको ही…
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काग़ज़ पे फैली जो सियाही
‘गर हो तो, मिट भी जाए
काजल की गहरी लिखायी
अश्कों से मिट ना पाए
दूरियाँ,
दरमियाँ,
बेवजह आ गयीं
कुछ तेरा खोया है,
कुछ मेरा खोया है,
दूर से ही मुझे
कभी ये भी कह दे
पास में आने का हक़ तुमको ही
हाँ,
हक़ जताने का
हक़ तुमको ही…
तुमको ही, तुमको ही…
हाँ,
दिल दुखाने का
हक़ तुमको ही…
राँझे की हर
साँस भी तेरी
दिल भी तेरा
चाह भी तेरी
***
©mayurpuri
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